हिमांचल का एक ऐसा समुदाय है जो जनजाति की विशेषताएं
रखते हुए भी जनजाति के रूप में स्वीकार नहीं हो पाया।
जबकि यह उतरांचल के जोंसार बाबर समुदाय से सम्बंधित हैं । उनसे इनके रोटी बेटी के सम्बन्ध हैं ।
मैंने जनुअरी २०१० के दूसरे सप्ताह में वहां एक सप्ताह शर्ली गाँव में निवास किया । मैंने वहां इस समुदाय की पीरा का बहुत गहराई से अध्यन किया ।
सबसे पहले तो मैंने यह निर्णय लिया की मैं इन्हें अपना मानकर एक किताब के माध्यम से इनके दर्द को दुनिया के सामने लाऊँ ।
दूसरा यह कि अपने बचे हुए कार्यों को जल्दी निपटा कर मैं अपना शेष जीवन
इस समुदाय के उत्थान में व्यतीत कर दूंगा ।
ईश्वर मुझे इस काम को करने कि शक्ति तथा इस समुदाय का प्रेम दे ।
पवन बख्शी
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